Impact Factor - 7.125

Saturday, March 7, 2020

शापित शहर ....... 

शापित शहर ....... 

 

किसी मिथक के अनुसार शहर

 फिर से शापित हुआ है! 

 

कभी अपनी चमचमाहट से 

सब को मोह लेने वाला शहर ! 

 

आज धुआँ के गुब्बार में बदल गया है!! 

 

हर तरफ लाशें ही लाशें, 

जले - अधजले मकान और दुकानें!! 

 

कटे -अधकटे  सिर, और

आदिम टुकडे, लाशों को नोचते 

आवारा कुत्ते!! 

 

बच्चे, बूढे, आदमी औरत, 

सब तरफ चीखें ही चीखें

 

 जगह -  जगह आवारा कुत्तों 

के रोने की आवाजें!! 

 

शायद किसी ऋषि ने शाप दिया था! 

 

शहर को कि, तुम बार - बार अपनी खूबसूरती खो दोगे 

 

एक खास समय में !! 

 

शायद फिर से फलीभूत हुआ है ऋषि का श्राप !! 

 

जब आदमी के अंदर का दैत्य जिंदा हुआ है!! 

 

और लील गया है शहर और उसमें रहने 

 

वाले आदमी को  !! 

 

महेश कुमार केशरी

 C/O - मेघदूत मार्केट फुसरो बोकारो झारखंड

No comments:

Post a Comment

Aksharwarta's PDF

Aksharwarta International Research Journal (November - 2024 Issue)