(Peer Reviewed, Refereed, Indexed, Multidisciplinary, Bilingual, High Impact Factor, ISSN, RNI, MSME), Email - aksharwartajournal@gmail.com, Whatsapp/calling: +91 8989547427, Editor - Dr. Mohan Bairagi, Chief Editor - Dr. Shailendrakumar Sharma IMPACT FACTOR - 7.125
Impact Factor - 7.125
Tuesday, April 26, 2022
Monday, April 4, 2022
नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने किया अक्षरवार्ता के नवीन अंक का लोकार्पण अक्षरवार्ता पत्रिका के अंक पर हस्ताक्षर कर शुभकामनाएं दी।
नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने किया अक्षरवार्ता के नवीन अंक का लोकार्पण
अक्षरवार्ता पत्रिका के अंक पर हस्ताक्षर कर शुभकामनाएं दी।
उज्जैन। इतिहास रचने वाले व्यक्तियों से यदि हम रूबरू होते हैं तब यह हमारे जीवन का भी ऐतिहासिक क्षण होता है। श्री कैलाश सत्यार्थी एैसे ही व्यक्ति हैं, जिन्हें 2014 में बचपन बचाओं अभियान के विश्व प्रसिद्ध नोबल पुरस्कार दिया गया। अक्षरवार्ता अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका के संपादक मंडल के लिए यह गौरवान्वित करने वाले क्षण थे, जब वे श्री कैलाश सत्यार्थी के साथ थे, इस अवसर पर नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने अक्षरवार्ता अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका के नवीन अंक का लोकार्पण किया। दिनांक 2 अप्रेल 2022 को विक्रम विश्वविद्यालय के छब्बीसवें दिक्षांत समारोह के अवसर पर श्री सत्यार्थी ने अक्षरवार्ता के नवीन अंक को लोकार्पित किया। इस अवसर पर लखनउ स्थित बाबा भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बरतुनिया, महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति श्री विजय कुमार मेनन, भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, महु के कुलपति श्री दिनेश शर्मा, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश पाण्डेय, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक तथा अक्षरवार्ता अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका के अंतरराष्ट्रीय संपादक मंडल के सदस्य ओस्लो, नार्वे से श्री सुरेशचंद्र शुक्ल, प्रधान संपादक डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा, संपादक डॉ. मोहन बैरागी, उप संपादक डॉ. जगदीश चंद्र शर्मा सहित अन्य संपादक मंडल सदस्य उपस्थित थे।
श्री कैलाश सत्यार्थी एवं उनकी पत्नि श्रीमति सुमेधा सत्यार्थी जी ने अक्षरवार्ता शोध पत्रिका के अंक पर हस्ताक्षर कर शुभकामनाएं प्रेषित की।
Aksharwarta's PDF
-
गीता हिन्दू धर्म का सबसे पवित्र ग्रन्थ माना जाता है । धर्म का सामान्य अर्थ जातीय सम्प्रदाय से अथवा वर्ण व्यवस्था से लिया जाता है ...
-
हिन्दी नवजागरण के अग्रदूत : भारतेन्दु हरिश्चंद्र भारतेंदु हरिश्चंद्र “निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति कौ मूल” अर्थात अपनी भाषा की प्रगति ही हर...
-
मालवी भाषा और साहित्य : प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा | पुस्तक समीक्षा: डॉ श्वेता पंड्या | मालवी भाषा एवं साहित्य के इतिहास की नई भूमिका : लोक ...