Impact Factor - 7.125

Tuesday, May 12, 2020

मेरे प्यारे बच्चो ! तुम मुझ से ख़फा न होना।

1. एक बात सच कह रहा हूँ,


कि अब मैं बूढ़ा हो गया हूँ !

शरीर संभला नहीँ जा रहा।


मन करता है कि मैं तेज दौड़ूँ,


पर मुझ से दौड़ा नहीं जा रहा।


तुम बच्चे थे तो मैं


तुम्हारे हिसाब से दौड़ा था,


रफ्तार अब नहीं बढ़ाना,


तुम मुझ से खफ़ा न होना!


 


2. बूढ़े खूसट-ज़िद्दी हो जाते हैं,


हट्टी और बेदिमाग़ हो जाते हैं।


बच्चे व शरारती बन जाते हैं,


परहेज़ी चीज़ें चुपके से खाते हैं।


जिस दिन तुम मुझे पकड़ लो,


सह लेना घर से दफा न करना,


तुम मुझ से ख़फा न होना।


 


3. जब कभी भी रात को मैं,


अपना कपड़ा गिला कर दूँ,


चादर-पलंग मैली हो जाए,


तब डाँक्टर यह नहीं कहना,


कि मुझ से बदबू आ रही है !


बदलना साफ-सफा करना,


तुम मुझ से ख़फा न होना।


 


4. वर्षों बाद घर लौट आया हूँ,


सुबह के भटके को तुम सब,


भूले का उलाहना मत देना।


मैं धोखेबाज था,भगोड़ा था,


ग़ैर जिम्मेदाराना हरकत थी,


मुझे कोसना बेवफा कहना,


तुम मुझ से ख़फा न होना!


 


5. कल राजा-फकीर जाएँगे,


मैं कौन सा रहने आया हूँ !


मेरी अर्थी को कांधा देना


शव लावारिश न फेंकना,


मेरी चिता को आग देना,


मेरे ज़मीर से वफा करना,


तुम मुझ से खफा न होना!


 


(ICU CANDOS BURN UNIT)


12.05.2019.(Mauritius)



Aksharwarta's PDF

Aksharwarta Internationa Research Journal December - 2023 Issue