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Monday, July 20, 2020

बाढ़ का प्रकोप

बाढ़ का प्रकोप



बादल को फटते देखा है
बाढ़ में बर्बादी की रेखा है
डूब गई घरबार
चौपट हो गई फसलें
पानी की तेज़ रफ़्तार
अपने साथ सब कुछ
बहा ले जाने को है बेताब
चाहें पेड़ हो, बिजली की खंभे
या मकान जो भी रास्ते में
आता वह पानी की भेंट
चढ़ जाता
रास्तों के  किनारे आश्रय
ढूंढते लोग
दाना- पानी को तरसते लोग
बदलते रहे साल पर साल
क्यों है लोगों का वहीं हाल?


राज कुमार साव
बादशाही रोड माठ पारा बर्धमान
पूर्व बर्धमान
पश्चिम बंगाल


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Aksharwarta International Research Journal September - 2023 Issue