Impact Factor - 7.125

Saturday, July 18, 2020

बहुरूपी प्रकृति 



 

जिस प्रकार 

बहरूपिया 

बदल लेता है नित

अपना रूप

इसी प्रकार 

प्रकृति भी 

लेती है बदल

नित नया रूप

कभी हवा सुहावनी

कभी धूल भरी आंधी

कभी शीत-लहर 

 कभी झुलसाती लू

कभी धुंध

कभी बरसात

कभी ओलावृष्टि

कितने रूप

बदलती है प्रकृति 

 

-विनोद सिल्ला



Aksharwarta's PDF

Aksharwarta Internationa Research Journal December - 2023 Issue