Impact Factor - 7.125

Saturday, July 4, 2020

सूचना के अधिकार पर “डाइजेस्ट ऑफ़ आरटीआई केसेस” पुस्तक शीघ्र महाराष्ट्र से सिंधु महाविद्यालय के रजिस्ट्रार नवीन अग्रवाल सहित उत्तरप्रदेश एवं बिहार के लेखकों का संयुक्त प्रयास

सूचना के अधिकार परडाइजेस्ट ऑफ़ आरटीआई केसेसपुस्तक शीघ्र


महाराष्ट्र से सिंधु महाविद्यालय के रजिस्ट्रार नवीन अग्रवाल सहित


उत्तरप्रदेश एवं बिहार के लेखकों का संयुक्त प्रयास


 


४२९ पन्नों की पुस्तक में सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के महत्वपूर्ण निर्णयों का समावेश


नागपुर : सूचना अधिकार विषय पर एक अनूठी पुस्तक “डायजेस्ट ऑफ आरटीआय केसेस” शीघ्र रिलीज होने जा रही है. जिसमें आरटीआई से सबंधित सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के लगभग सभी महत्वपूर्ण निर्णयों का समावेश किया गया है. अंग्रेजी भाषा में लिखी गई  इस पुस्तक के सह-रचनाकार  दादा रामचंद बाखरू सिंधु महाविद्यालय, नागपुर के रजिस्ट्रार नवीन महेश कुमार अग्रवाल, सूचना का अधिकार क्षेत्र के जाने-माने विशेषज्ञ, प्रशिक्षक एवं विषय के गहन अध्येयता होने के साथ-साथ महाराष्ट्र शासन की शीर्ष प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्था, यशदा, पुणे के सूचना अधिकार केंद्र के अतिथि व्याख्याता एवं  सचिवालय, प्रशिक्षण तथा प्रबंध संस्थान (आई.एस.टी.एम.), कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रमाणित सूचना अधिकार प्रशिक्षक भी हैं. 


उनके साथ इस पुस्तक के उनके सहलेखक उत्तरप्रदेश से प्रोफेसर नीरज कुमार और बिहार से प्रोफेसर (डॉ.) नवीन कुमार अग्रवाल भी सूचना के अधिकार क्षेत्र के बड़े जानकारों में से हैं. प्रोफेसर नीरज कुमार जहां लखनऊ विश्वविद्यालय के बिज़नेस एडमिनिस्ट्रशन विभाग के सेवानिवृत विभाग प्रमुख रहे हैं, वही प्रोफेसर (डॉ.) नवीन कुमार अग्रवाल एल.एन. मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा (बिहार) के गणित विभाग प्रमुख और विश्वविद्यालय के लोकसूचना अधिकारी भी हैं. सूचना का अधिकार क्षेत्र में तीनों सहलेखकों की गहरी रुचि, गहन अध्ययन और विशाल अनुभूत जानकारियों का ही परिणाम है कि इस क्षेत्र से सम्बंधित यह सर्वसमावेशी पुस्तक “डाइजेस्ट ऑफ़ आरटीआई केसेस” सामने आ रही है. 


आरटीआई के अंतर्गत कैसी सूचनाएं मांगी जा सकती हैं, कौनसी सूचनाएं प्रदान की जा सकती है या किन सूचनाओं को देने से मना किया जा सकता है, इन बिंदुओं पर भी विस्तार से पुस्तक में समझाया गया है. नवीन अग्रवाल बताते हैं कि व्यक्तिगत सूचना, थर्ड पार्टी से सम्बंधित सूचना, व्यापक जनहित, अपील प्रक्रिया, दंड, आदि को समझने एवं उससे सम्बंधित निर्णय लेने में सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के निर्णयों का सन्दर्भ लेना आवश्यक हो जाता है. क्योंकि विभिन्न विधायी शब्द, अवधारणाएं और पेचीदगियों की व्याख्या उनके द्वारा ही की जाती है. इस पुस्तक में इन विषयों की सारगर्भित जानकारी दी गई है.


लेखक नवीन महेशकुमार अग्रवाल का कहना है कि यह पुस्तक लोक सूचना अधिकारी, प्रथम अपीलीय अधिकारी, अधिवक्ता, सूचना अधिकार प्रशिक्षक, केंद्र एवं राज्य सरकार के अधिकारी, लोक प्राधिकारी, विश्वविद्यालय, महाविद्यालय एवं शालाओं के प्राचार्य, शिक्षक, प्रशासकीय कर्मचारी, विद्यार्थी एवं जो भी सूचना अधिकार का उपयोग करते हैं, ऐसे सभी नागरिकों के लिए निश्चित रूप से उपयोगी रहेगी.



Aksharwarta's PDF

Aksharwarta International Research Journal August - 2024 Issue