दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा दिनांक 01 जनवरीए 2020 को सामुदायिक कार्यक्रम के अंतर्गत गाँधी स्मृति एवं दर्शन समितिए संस्कृति मंत्रालयए भारत सरकार तथा गुरुद्वारा प्रबंधन समितिए दिल्ली के सहयोग से महात्मा गाँधी जी की 150वीं जयंती तथा गुरु नानक देव जी के 550वीं जयंती के उपलक्ष्य में दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी मुख्यालय के परिचालन विभाग में दिनांक 01 जनवरीए 2020 से 15 जनवरीए 2020 तक पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है प् इस प्रदर्शनी में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधीए गुरुनानक देव तथा लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के जीवन एवं दर्शन पर आधारित पुस्तकों को प्रदर्शित किया गया है प्रदर्शनी का उद्घाटन पद्मश्री डॉण् श्याम सिंह ष्शशिष्ए वरिष्ठ साहित्यकारए अध्यक्ष व कुलाधिपतिए अंतरराष्ट्रीय रोमा संस्कृति विश्वविद्यालयए सर्विया ने किया प् इस कार्यक्रम में विशेष रूप से डॉण् रामशरण गौड़ए अध्यक्षए दिल्ली लाइब्रेरी बोर्डए डॉण् बबीता गौड़ए वरिष्ठ पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी एवं डॉण् विनोद बब्बरए साहित्यकार भी उपस्थित रहे द्यमुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया तत्पश्चात सभी उपस्थित गणमान्य जनों एवं पाठकों द्वारा प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया प् सभी ने कार्यक्रम की सराहना की तथा आज की पीढ़ी को पुस्तकों के महत्व को समझाने हेतु ऐसे आयोजन करते रहने का अनुरोध किया प्
(Peer Reviewed, Refereed, Indexed, Multidisciplinary, Bilingual, High Impact Factor, ISSN, RNI, MSME), Email - aksharwartajournal@gmail.com, Whatsapp/calling: +91 8989547427, Editor - Dr. Mohan Bairagi, Chief Editor - Dr. Shailendrakumar Sharma IMPACT FACTOR - 7.125
Impact Factor - 7.125
Thursday, January 2, 2020
दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा गाँधी स्मृति एवं दर्शन समितिए संस्कृति मंत्रालयए भारत सरकार तथा गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के सहयोग से महात्मा गाँधीए सरदार पटेल तथा गुरु नानक देव जी पर पुस्तकों की प्रदर्शनी का आयोजन
Aksharwarta's PDF
-
हिन्दी नवजागरण के अग्रदूत : भारतेन्दु हरिश्चंद्र भारतेंदु हरिश्चंद्र “निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति कौ मूल” अर्थात अपनी भाषा की प्रगति ही हर...
-
गीता हिन्दू धर्म का सबसे पवित्र ग्रन्थ माना जाता है । धर्म का सामान्य अर्थ जातीय सम्प्रदाय से अथवा वर्ण व्यवस्था से लिया जाता है ...
-
मालवी भाषा और साहित्य : प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा | पुस्तक समीक्षा: डॉ श्वेता पंड्या | मालवी भाषा एवं साहित्य के इतिहास की नई भूमिका : लोक ...