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Tuesday, April 28, 2020

ग़ज़ल

जिसने हर कष्ट से उभारा है
सुख में तू उसको भूल जाता है


इश्क की इंतहा बताएगी
कौन राधा है कौन मीरा है


भूल जाओ मुझे सितमगर तुम
अब यही वक़्त का तक़ाज़ा है


डूब के मर गए कई इसमें
तब से सागर का पानी खारा है



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Aksharwarta International Research Journal August - 2024 Issue