Impact Factor - 7.125

Tuesday, April 28, 2020

ग़ज़ल

जिसने हर कष्ट से उभारा है
सुख में तू उसको भूल जाता है


इश्क की इंतहा बताएगी
कौन राधा है कौन मीरा है


भूल जाओ मुझे सितमगर तुम
अब यही वक़्त का तक़ाज़ा है


डूब के मर गए कई इसमें
तब से सागर का पानी खारा है



No comments:

Post a Comment

Aksharwarta's PDF

अक्षर वार्ता अंतरराष्ट्रीय अवार्ड 2024 हेतु आवेदन आमंत्रण सूचना

अक्षर वार्ता अंतरराष्ट्रीय अवार्ड 2024 हेतु आवेदन आमंत्रण सूचना नवंबर 2024, माह के अंतिम सप्ताह में स्थान, उज्जैन,मध्य प्रदेश* India's r...