Impact Factor - 7.125

Saturday, April 11, 2020

मेरा बस्तर

मेरा बस्तर


लहलहातीहरियाली से सजा है मेरा बस्तर


सोंधी सी खुशबू बिखरे हुए हैं मेरा बस्तर


जहां सूरज भी रोज इंद्रावती में नहाता है


आज भी जहां मुर्गा ही बांग लगाकर जगाता है


जहां गाय चराने वाला ग्वाला कृष्ण स्वरूप है


जहां हर पनहरन मटकी लिए धरे राधा का रूप है ऐसा सजा है मेरा बस्तर---


जहां सर्दी की रातों में आले तापते बैठे किसान


और गर्मी की रातों में खटिया बिछाए बैठे किसान


जहां राम राम की ध्वनि सुबह शाम है, जहां चले ना हाय हेलो,


हर आने जाने वालों को राम-राम और जुहार है


ऐसा सजा है मेरा बस्तर-----


जहां लोग अमिया की छांव तले, मरिया पेज भी मजे से पीते हैं


वह मजे खाना खाने के इन होटलों में कहां आते हैं


यहां ईश्वर की हर सौगात से भरा हुआ है ऐसा सजा है मेरा बस्तर-----


कोयल के गीतों मैना के नृत्य से, संगीत भरा हुआ है मेरा बस्तर


जहां मिट्टी की है महक और पंछियों की है चहक


जहां भंवरों की गुंजन से गूंज रहा है मेरा बस्तर


यह मेरे देश की आन बान और शान है, मेरा अभिमान है मेरा बस्तर—


श्रीमतीआशा रानी पटनायक


स्टेट बैंक कालोनी, लालबाग आमागुड़ा जगदलपुर जिला बस्तर


छत्तीसगढ़


Aksharwarta's PDF

Aksharwarta International Research Journal May - 2024 Issue