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Wednesday, May 13, 2020

हिंदी-भीली अध्येता कोश

हिंदी-भीली अध्येता कोश : कोश निर्माण प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा एवं समूह
Hindi - Bhili Learner's Dictionary by Prof Shailendrakumar Sharma & Group
केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा की अध्येता कोश निर्माण योजनांतर्गत अपने साथियों के साथ विषय विशेषज्ञ के रूप में लगभग तीन वर्षों के श्रमसाध्य कार्य के परिणामस्वरूप हिंदी - भीली अध्येता कोश परिपूर्ण हुआ। संस्थान के यशस्वी निदेशक प्रो नन्दकिशोर पांडेय के प्रधान सम्पादन में जारी अध्येता कोश निर्माण योजना में अब तक पचास से अधिक कोश या तो पूर्णता पर हैं या प्रकाशित हो चुके हैं।
केंद्रीय हिंदी संस्थान, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की महती योजना के तहत जारी कोश निर्माण कार्यशालाओं में तैयार किए जा रहे इन कोशों के माध्यम से हिंदी के साथ देश की अनेक लोक और जनजातीय भाषाओं का प्रभावकारी सेतु बन रहा है, वहीं इन तमाम भाषाओं के बीच अन्तःसम्बन्ध की नूतन दिशाएँ भी उजागर हो रही हैं।
हिंदी - भीली अध्येता कोश में लगभग साढ़े तीन हजार आधारभूत शब्दों को लेकर उनके अर्थ के साथ व्याकरणिक सूचनाओं, सहप्रयोगों और विभिन्न अर्थ छबियों का भी समावेश किया गया है। भीली संस्कृति और परम्पराएँ इस देश की सर्वाधिक पुरातन परंपराओं में शामिल हैं। परिश्रम, शौर्य और स्वाभिमान की दृष्टि से यह समुदाय अपनी खास पहचान रखता है।
इस कोश के माध्यम से भीली मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात के साथ महाराष्ट्र के सीमावर्ती क्षेत्रों की पहली जनजातीय भाषा बन गई है, जिसके अध्येता कोश का निर्माण सम्भव हुआ है। अपने सभी सहयात्रियों को आत्मीय धन्यवाद Dr Jagdishchandra Sharma डॉ. कृष्णकुमार श्रीवास्तव Madhuri Shrivastava श्री शैतानसिंह सिंगाड़, श्री पप्पू भाबोर और श्री बाबूलाल सोलंकी। इस कार्य में जिन भाषाविदों का सार्थक सहयोग मिला, उनमें प्रो चतुर्भुज सहाय, प्रो त्रिभुवननाथ शुक्ल, प्रो परमलाल अहिरवाल, प्रो उमापति दीक्षित शामिल हैं।
- प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा



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Aksharwarta International Research Journal May - 2024 Issue