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Thursday, April 9, 2020

व्यापार  (लघुकथा)

नीना!तुम इतने बड़े बड़े लोगों से जुड़ी हो,मेरी पोती के लिए  कोई अच्छा पढ़ा लिखा लड़का बताओ  न।.....आहुजा आंटी ने प्यार से हक जतलाते हुए कहा।

नीना ने उल्लास से भर कहा, जी आंटी,अवश्य। आप बिटिया का बायडाटा मुझे भिजवा दीजिएगा। 

आहुजा आंटी खुशी से खड़ी होते हुए बोलीं ,अभी लेती जाओ ।यहीं तो रखा है।

उन्होंने अलमारी  खोल यत्न से एक लिफाफा निकाला और नीना के हाथ में पकड़ा दिया। 

नीना ने उठते उठते पूछा,आंटी,आपका बजट क्या है?

आंटी हैरान अवाक उसे देखती रह गईं। फिर बायडाटा का लिफाफा वापस लेते हुए

बोलीं ,'बेटा मैंने तो सोचा,तू बड़े लोगों से जुड़ी है,पर तू तो लगता है बड़े व्यापारियों से जुड़ी है।

हम बच्चों का व्यापार नहीं करते।' '

 

शकुन मित्तल 

दिल्ली 

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Aksharwarta International Research Journal, April 2024 Issue