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Thursday, April 16, 2020

यज्ञ है मुश्किल पर मुमकिन नहीं

 


यज्ञ है मुश्किल




पर मुमकिन नहीं



कठिन है परीक्षा की घड़ी

संयम से घरों में रह कर

टूटने ना देंगे जीत की कड़ी

 

हार नहीं हरा कर मानेंगे

हर कष्टों का हवन करेंगे

जन जन जय घोष करेंगे

अदृश्य गरल को धो डालेंगे

 

दीपों की माला से अलंकृत

भारत वर्ष को लौ से सुसज्जित

गम के तिमिर हर ,कर दें उदित

फिर से हर मुख हो मुदित

 

 

काले बादल से झाँकेगा चंदा

अमावस दूर करेगी पूर्णिमा

जगमग ज्योति की उष्मा से

कर्मवीरों की श्रम साधना से

 

नव विहान प्रकाश पुंज की लड़ियों से

अंधकार को उजाले के विश्वास से

आओ मिटाए अंधतमस को

मिल जुल रख फ़ासले के प्रयास से...

 

सविता गुप्ता 

राँची-झारखंड

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Aksharwarta International Research Journal September - 2023 Issue